Class 12th Commerce BUSINESS STUDIES
BUSINESS STUDIES
Chapter 1: प्रबंध की प्रकृति एवं महत्त्व
प्रबंध की प्रकृति एवं महत्त्व : प्रबन्ध एक एैसी रणनीति है, जिसके सुव्यवस्थित क्रियान्यवयन से विकासशील होने की अवधारणा को विकसित अवधारणा में परिवर्तित किया जा सकता है।
Chapter 2: प्रबंध के सिद्धांत
प्रबंध के सिद्धांत : प्रबंध के सिद्धांत - प्रबंध के सिद्धांत सत्य पर आधारित ऐसे आधारभूत कथन होते है जो प्रबंधकीय निर्णय लेने में मार्गदर्शन का कार्य करते है|
Chapter 3: व्यावसायिक वातावरण
व्यावसायिक वातावरण : व्यावसायिक वातावरण : व्यावसायिक वातावरण से अभिप्राय उन घटकों के योग से है जो व्यवसाय को प्रभावित करने का कार्य करता हैं| जिस पर व्यवसाय का नियंत्रण नहीं होता हैं|
Chapter 4: नियोजन
नियोजन : नियोजन से अभिप्राय उस प्रक्रिया से है जिसके अंतर्गत लक्ष्यों को निर्धारित किया जाता है तथा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए योजना बनाई जाती है|
Chapter 5: संगठन
संगठन : कार्य की पहचान तथा विभाजन - सबसे पहले विशिष्ट कार्यो को संगठन द्वारा निर्धारित उद्देश्यों के अनुसार पहचान कर उनको छोटे - छोटे भागो में विभाजित करना होता है|
Chapter 6: नियुक्तिकरण
नियुक्तिकरण : मानव शक्ति आवश्कताओं का आकलन - सबसे पहले यह पता लगाया जाता है की संगठन में कितनी संख्या में कर्मचारी काम कर रहे है तथा किस पद पर काम कर रहे हैं
- Mock Test
- Sectional Test
- Advance Test
- Previous Year Test
Chapter 7: निर्देशन
निर्देशन : निर्देशन - निर्देशन से अभिप्राय संगठन में कर्मचारियों या मानव संसाधन को निर्देश देना, उनका मार्गदर्शन करना तथा उन्हें अभिप्रेरित करने की प्रक्रिया से है
Chapter 8: नियंत्रण
नियंत्रण : नियंत्रण - नियंत्रण से निष्पादन एवं मानको के विचलन का ज्ञान होता है, यह विचलनो का विश्लेषण करता है तथा उन्हीं के आधार पर उसके सुधर के लिए का करता है|
Chapter 9: व्यावसायिक वित्त
व्यावसायिक वित्त : व्यावसायिक गतिविधिओ को चलाने के लिए जिस धन की आवश्यकता होती है, उसे व्यावसायिक वित कहते है|
Chapter 10: वित्तीय बाज़ा
वित्तीय बाज़ार :वित्तीय बाजार से अभिप्राय वित्तीय संपत्तियों के सृजन व विनिमय से हैं| वित्तीय बाजार वित्त के पूर्ति कर्ता व माँग पक्षकारों को जोड़ने का कार्य करता हैं|
Chapter 11: विपणन
विपणन : विपणन से अभिप्राय ऐसी व्यवस्था से हैं जिसमें वस्तु के उत्पादन, इसके क्रय -विक्रय तथा बिक्री के बाद की सेवाएं शामिल होती हैं|
Chapter 12: उपभोक्ता संरक्षण
उपभोक्ता संरक्षण : उपभोक्ता संरक्षण - इसका अभिप्राय उपभोक्ताओं को, उत्पादको तथा विक्रेताओं के अनुचित व्यवहार से सुरक्षा प्रदान करना है|