Class 12th PCMB Science

Notes

Science Biology

Chapter 1 जीवों में जनन

जीवों में जनन : जनन के द्वारा जीव अपनी संख्या में वृद्धि करता है जिससे उसकी पीढियों में निरन्तरता बनी रहती है जनन जीव का अस्तित्व बनाए रखने में आवश्यक है क्योंकि

Biology

Chapter 2 पुष्पी पादपों में लैंगिक प्रजनन

पुष्पी पादपों में लैंगिक प्रजनन : पुष्प रूपांतरित परोह होता है। यह एन्जियोस्पर्म का जननांग होता है। एक पुष्प में चार भाग होते है जो चक्रों में व्यवस्थित होते है-

Biology

Chapter 3 मानव जनन

मानव जनन : शुक्राणु के अंग्रेजी शब्द Sperm की व्युत्पती ग्रीक शब्द स्पर्मा से हुई है जिसका अर्थ है ‘बीज’ (Seed)। शुक्राणु सूक्ष्म धागेनुमा संरचना है।

Biology

Chapter 4 जनन स्वास्थ्य

जनन स्वास्थ्य : विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के अनुसार जनन स्वास्थ्य का अर्थ जनन के सभी पहलुओं सहित शारीरिक (Physical)

Biology

Chapter 5 वंशागति तथा विविधता

वंशागति तथा विविधता के सिद्धांत : जीवविज्ञान की वह शाखा जिसमें वंशागति एवं विभिन्नता का अध्ययन किया जाता है, आनुवंशिकी कहलाती है। जेनेटिक्स नाम विलियम बेटसन

Biology

Chapter 6 वंशागति का आणविक आधार

वंशागति का आणविक आधार : कोशिका में केंद्रक (Nucleus) होता है इस केन्द्रक में गुणसूत्र Choromosome पाये जाते हैं, जिनमें जीन होते हैं।

Biology

Chapter 7 विकास

विकास : जीवविज्ञान (Biology) प्राकृतिक विज्ञान की तीन विशाल शाखाओं में से एक है। यह विज्ञान जीव, जीवन और जीवन के प्रक्रियाओं के अध्ययन से सम्बन्धित है।

Biology

Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

मानव स्वास्थ्य तथा रोग : लसिकाणु (Lymphocyte), भक्षकाणु (Phagocyte), ग्रैनुलोसाइट्स और डेंडरिटिक कोशिकाएं प्रतिरक्षा तंत्र की कोशिकाएं है।

Biology

Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति : पशुपालन कृषि विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत पालतू पशुओं के विभिन्न पक्षों जैसे भोजन, आश्रय, स्वास्थ्य, प्रजनन आदि का अध्ययन किया जाता है।

Biology

Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्म जीव

मानव कल्याण में सूक्ष्म जीव : शुक्राणु के अंग्रेजी शब्द Sperm की व्युत्पती ग्रीक शब्द स्पर्मा से हुई है जिसका अर्थ है ‘बीज’ (Seed)। शुक्राणु सूक्ष्म धागेनुमा संरचना है।

Biology

Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम : कैरी मुलिस द्वारा पीसीआर का उपयोग 1983 में किया गया। इसलिए उनको 1993 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ।

Biology

Chapter 12 जैव प्रौद्योगिकी एवं उसके उपयोग

जैव प्रौद्योगिकी एवं उसके उपयोग : हरित क्रान्ति द्वारा खाद्य आपूर्ति में तिगुनी वृद्धि में सफलता मिलने के बावजूद मनुष्य की बढ़ती जनसंख्या का पेट भर पाना सम्भव नहीं है।

Biology

Chapter 13 जीव और समष्टियाँ

जीव और समष्टियाँ : जगत के समस्त प्राणियों में मानव सबसे ज्यादा प्रज्ञ और चिन्तनशील प्राणी है। आदिकाल में आद्यावधि वह अपनी इन्हीं विशेषताओं के कारण प्रगति पथ पर उत्तरोत्तर

Biology

Chapter 14 पारितंत्र

पारितंत्र : पारितंत्र (ecosystem) या पारिस्थितिक तंत्र (ecological system) एक प्राकृतिक इकाई है जिसमें एक क्षेत्र विशेष के सभी जीवधारी, अर्थात् पौधे, जानवर

Biology

Chapter 15 जीव विविधतता एवं संरक्षण

जीव विविधतता एवं संरक्षण : जैव विविधता जीवन और विविधता के संयोग से निर्मित शब्द है जो आम तौर पर पृथ्वी पर मौजूद जीवन की विविधता और परिवर्तनशीलता को संदर्भित करता है।

Biology

Chapter 16 पर्यावरण के मुद्दे

पर्यावरण के मुद्दे : गत सौ वर्ष में मनुष्य की जनसंख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। इसके कारण अन्न, जल, घर, बिजली, सड़क, वाहन और अन्य वस्तुओं की माँग में भी वृद्धि हुई है।

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Chemistry

Chapter 1 ठोस अवस्था

ठोस अवस्था : पदार्थ की वह अवस्था जिसमें अवयवी कण (जैसे परमाणु, अणु या आयन) एक प्रबल अंतराण्विक बलों द्वारा जालक में संवृत संतुलित होते हैं

Chemistry

Chapter 2 विलयन

विलयन : जल में चीनी डालकर पात्र को हिलाने पर चीनी, जल में घुल जाती है। तथा चीनी और जल एक पारदर्शक समांगी मिश्रण बन जाता है। अर्थात विलयन बन जाता है।

Chemistry

Chapter 3 कोलराउश का नियम

कोलराउश का नियम : इस नियम के अनुसार, किसी विद्युत अपघट्य की अनंत तनुता पर विलयन की तुल्यांकी चालकता का मान (Λ∞m) विद्युत अपघट्य के धनायनों तथा ऋणायनों की अनंत

Chemistry

Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी

रासायनिक बलगतिकी : रसायन विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत रासायनिक अभिक्रियाओं की दर, अभिक्रियाओं की क्रियाविधि एवं अभिक्रियाओं को प्रभावित करने वाले

Chemistry

Chapter 5 पृष्ठ रसायन

पृष्ठ रसायन : रसायन विज्ञान की वह शाखा, जिसके अंतर्गत हम ठोस पदार्थों की पृष्ठों पर होने वाले भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन एवं उनकी प्रकृति का अध्ययन करते हैं।

Chemistry

Chapter 6 तत्वों के निष्कर्षण

तत्वों के निष्कर्षण के सिद्धांत एवं प्रक्रम : वे पदार्थ जो अयस्क में उपस्थित अलगनीय अशुद्धियों से संयोग करके गलनीय धातुमल बनाते हैं। उन्हें गालक कहते हैं।

Chemistry

Chapter 7 p-ब्लॉक तत्त्व

p-ब्लॉक तत्त्व : आवर्त सारणी में वर्ग 13 से 18 तक के तत्वों को p-ब्लाक के तत्व कहते हैं। इस ब्लाक के तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns2 np1-6 होता है। हीलियम भी p-ब्लाक का तत्व है

Chemistry

Chapter 8 d एवं f ब्लॉक के तत्व

d एवं f ब्लॉक के तत्व : आवर्त सारणी में d ब्लॉक के तत्वों को वर्ग 3 से वर्ग 12 तक रखा गया है। यह चार दीर्घ आवर्तों में रखे गए हैं। इन तत्वों को संक्रमण तत्व भी कहते हैं।

Chemistry

Chapter 9 उपसहसंयोजन यौगिक

उपसहसंयोजन यौगिक : वह यौगिक जो ठोस एवं विलयन दोनों अवस्थाओं में स्थायी होते हैं। एवं यह जल में अपने अवयवी आयनों में वियोजित नहीं होते हैं। तथा इन यौगिकों के गुण

Chemistry

Chapter 10 हैलोएल्केन

हैलोएल्केन : एल्केन से हाइड्रोजन परमाणुओं को हैलोजन परमाणुओं द्वारा प्रतिस्थापित करने के फलस्वरूप प्राप्त यौगिक को हैलोएल्केन कहते हैं। इसे हैलोजन व्युत्पन्न अथवा एल्किल

Chemistry

Chapter 11 एल्कोहल, फिनॉल एवं ईथर

एल्कोहल, फिनॉल एवं ईथर : वह रसायनिक अभिक्रिया, जिसमे कार्बनिक यौगिकों का किण्वों (अणुजीवों) या उसमें उपस्थित एंजाइमों द्वारा धीमी गति से अपघटन होता है।

Chemistry

Chapter 12 एल्डिहाइड, कीटोन एवं

एल्डिहाइड, कीटोन एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल : प्राथमिक अल्कोहल के विहाइड्रोजनीकृत उत्पाद को एल्डिहाइड कहते हैं। एल्डिहाइड में कार्बोनिक समूह > C = O उपस्थित होता है।

Chemistry

Chemistry Chapter 13 ऐमीन

ऐमीन : अमोनिया के एल्किल व्युत्पन्न ऐमीन कहलाते हैं। ऐमीन नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक यौगिकों के एक महत्वपूर्ण वर्ग का निर्माण करते हैं। ऐमीन प्रकृति में प्रोटीन

Chemistry

Chapter 14 जैव अणु

जैव अणु : सभी जीवित प्रणियों में पाए जाने वाले वे निर्जीव जटिल कार्बनिक यौगिक जो जीवित प्राणियों में वृद्धि एवं उनका पोषण करते हैं। उन्हें जैव अणु कहते हैं।

Chemistry

Chapter 15 बहुलक

बहुलक : उच्च अणुभार वाले वे यौगिक जो अनेक छोटे-छोटे अणुओं के परस्पर संयोग से बनते हैं। उन्हें बहुलक कहते हैं। एवं इस प्रक्रिया को बहुलीकरण कहते हैं।

Chemistry

Chapter 16 दैनिक जीवन में रसायन

दैनिक जीवन में रसायन : रसायन विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत हम विभिन्न रसायनों के प्रयोग द्वारा रोगों के उपचार का अध्ययन करते हैं। उसे रसायन चिकित्सा कहते हैं।

Chemistry

Physics

Chapter 1 वैद्युत आवेश

वैद्युत आवेश : वैद्युत आवेश पदार्थ का वह गुण है जिस कारण वह वैद्युत एवं चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न करता है या इनका अनुभव करता है। विद्युत आवेश एक अदिश भौतिक राशि है।

Physics

Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता

स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता : विद्युत विभव : विद्युत क्षेत्र में एक बिंदु से परीक्षण चार्ज q लाने में प्रतिकर्षण बल के विरुद्ध किया गया कार्य उस बिंदु पर विद्युत विभव

Physics

Chapter 3 विद्युत धारा

विद्युत धारा : सभी गतिमान आवेशों द्वारा धारा स्थापित नहीं होती है। यदि किसी पृष्ठ के किसी क्षेत्रफल से कुल आवेश q, समयान्तराल t में पृष्ठ लम्बवत् एक ओर से दूसरी

Physics

Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व

गतिमान आवेश और चुंबकत्व : चुम्बक (Magnet) वह पदार्थ, जो स्वतन्त्रता पूर्वक लटकाने पर सदैव उत्तर–दक्षिण दिशा में स्थिर हो जाता है तथा जिसमें एक नेट चुम्बकीय आघूर्ण होता है

Physics

Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

चुंबकत्व एवं द्रव्य : जब हम किसी चुंबक के समीप कोई चुंबकीय सुई लाते हैं। तो चुंबकीय सुई घूमकर एक निश्चित दिशा में ठहरती है। यदि हम चुंबक को घुमाकर उसकी दिशा बदल दें

Physics

Chapter 6 विद्युत चुम्बकीय प्रेरण

विद्युत चुम्बकीय प्रेरण : चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित किसी तल से अभिलम्बवत् गुजरने वाली चुम्बकीय बल रेखाओं की कुल संख्या को उस तल से सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स कहते हैं

Physics

Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रत्यावर्ती धारा : वह धारा जो किसी विद्युत परिपथ में समय के साथ अपनी दिशा को लगातार बदलती रहती है उसे प्रत्यावर्ती धारा कहते हैं

Physics

Chapter 8 विद्युत चुंबकीय तरंगें

विद्युत चुंबकीय तरंगें : जब किसी विद्युत परिपथ में विद्युत धारा बहुत अधिक आवृत्ति से परिवर्तित (बदलती) है। तब विद्युत परिपथ में उत्पन्न ऊर्जा, तरंगों के रूप में सभी दिशाओं

Physics

Chapter 9 किरण प्रकाशिकी एवं

किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र : जब हम किसी बंद कमरे में जाते हैं तो अंधेरे के कारण कमरे में कुछ नहीं दिखाई देता है। पर जैसे ही हम कमरे में मोमबत्ती या बल्ब जलाते हैं

Physics

Chapter 10 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता

स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता : तरंग प्रकाशिकी (Wave Optics) विज्ञान की वह शाखा (Branch) होती है जिसमे प्रकाश का तरंगों के रूप में अध्ययन किया जाता है|

Physics

Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य

विकिरण तथा द्रव्य की द्वेती प्रकृति : उन्नीसवीं शताब्दी तक वैज्ञानिकों की धारणा थी कि प्रकाश तरंगों के रूप में चलता है। प्रकाश का परावर्तन, अपवर्तन, व्यतिकरण तथा

Physics

Chapter 12 परमाणु

परमाणु : प्राचीन काल में दार्शनिकों का मानना था कि प्रत्येक पदार्थ छोटे-छोटे कणों से मिलकर बना होता है लेकिन इस बात की पुष्टि के लिए उनके पास कोई प्रायोगिक

Physics

Chapter 13 नाभिक

नाभिक : वैज्ञानिक रदरफोर्ड ने अल्फा-कण पर प्रकीर्णन के प्रयोग द्वारा ज्ञात किया। कि किसी परमाणु का समस्त धन आवेश एक सूक्ष्म जगह (केंद्र) पर जमा रहता है।

Physics

Chapter 14 अर्धचालक

अर्धचालक : वह पदार्थ जिनकी चालकता, चालकों तथा अचालकों के बीच होती है अर्धचालक (semiconductor) कहलाते हैं। जैसे कार्बन, जर्मेनियम तथा सिलिकॉन।

Physics

Chapter 15 संचार व्यवस्था

संचार व्यवस्था : किसी भी संदेशों तथा सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतरण करने की प्रक्रिया को संचार कहते हैं। एवं सूचनाओं तथा संदेशों को एक स्थान

Physics