अध्याय-6

कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान भूगोल अध्याय-6

प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन

प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन

स्थल की उँचाई एवं वनस्पति की विशेषताएँ एक-दूसरे से संबंधित हैं। उँचाई में परिवर्तन के साथ जलवायु में परिवर्तन होता है तथा इसके कारण प्राकृतिक वनस्पति में भी बदलाव आता है। वनस्पति की वृद्धि तापमान एवं नमी पर निर्भर करती है। इसके अलावा यह ढाल एवं मिट्टी की परत की मोटाई जैसे कारकों पर भी निर्भर करती है। इन घटकों में अंतर के कारण किसी स्थान की प्राकृतिक वनस्पति की सघनता एवं प्रकार में भी परिवर्तन होता है।

प्राकृतिक वनस्पति को तीन भागों में बाँटा गया है।

  1. वन:- जो वृक्ष तापमान एवं परिपूर्ण वर्षा वाले क्षेत्रों में उगते है। सघन एवं खुले वन विकसित होते हैं।
  2. घासस्थल:- जो मध्यम वर्षा वाले क्षेत्र में विकसित होते हैं।
  3. काँटेदार:- काँटेदार झाड़ एवं झाड़ियाँ केवल शुष्क क्षेत्रों में पैदा होते है।

वनस्पति के प्रकार

उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन

इन वनों को उष्णकटिबंधीय वर्षा वन भी कहते हैं। ये घने वन भूमध्य रेखा एवं उष्णकटिबंध के पास पाए जाते हैं। ये क्षेत्र गर्म होते हैं एवं पूरे वर्ष यहाँ अत्यध्कि वर्षा होती है। चूँकि यहाँ का मौसम कभी शुष्क नहीं होता, इसलिए यहाँ के पेड़ों की पत्तियाँ पूरी तरह नहीं झड़ती। इसलिए इन्हें सदाबहार कहते हैं। काफी घने वृक्षों की मोटी वितान के कारण दिन के समय भी सूर्य का प्रकाश वन वेफ अंदर तक नहीं पहुँच पाता है। आमतौर पर यहाँ दृढ़ काष्ठ वृक्ष जैसे रोशवुड, आबनूस, महोगनी आदि पाए जाते हैं।

प्राकृतिक वनस्पति

उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन

उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन मानसूनी वन होते हैं जो भारत, उत्तरी आस्ट्रेलिया एवं मध्य अमेरिका के बड़े हिस्सों में पाए जाते हैं। इन क्षेत्रों में मौसमी परिवर्तन होते रहते हैं। जल संरक्षित रखने के लिए शुष्क मौसम में यहाँ के वृक्ष पत्तियाँ झाड़ देते हैं। इन वनों में पाए जाने वाले दृढ़ काष्ठ वृक्षों में साल, सागवान, नीम तथा शीशम हैं। दृढ़ काष्ठ वृक्ष फर्नीचर, यातायात एवं निर्माण सामग्री बनाने के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। इन वनो में आमतौर पर पाए जाने वाले जानवर हैं बाघ, शेर, हाथी, गोल्डन लंगूर एवं बंदर आदि।

प्राकृतिक वनस्पति

शीतोष्ण सदाबहार वन

शीतोष्ण सदाबहार वन मध्य अक्षांश के तटीय प्रदेशों में स्थित हैं। ये सामान्यतः महाद्वीपों के पूर्वी किनारों पर पाए जाते हैं, जैसे दक्षिण-पूर्वी अमेरिका, दक्षिण चीन एवं दक्षिण-पूर्वी ब्राजील। यहाँ बांज, चीड़ एवं यूकेलिप्टस जैसे दृढ़ एवं मुलायम दोनों प्रकार के पेड़ पाए जाते हैं।

प्राकृतिक वनस्पति

शीतोष्ण पर्णपाती वन

उच्च अक्षांश की ओर बढ़ने पर अधिक शीतोष्ण पर्णपाती वन मिलते हैं। ये उत्तर-पूर्वी अमेरिका, चीन, न्यूज़ीलैंड, चिली एवं पश्चिमी यूरोप के तटीय प्रदेशों में पाए जाते हैं। ये अपनी पत्तियाँ शुष्क मौसम में झाड़ देते हैं। यहाँ पाए जाने वाले पेड़ हैं बांज, ऐश, बीच, आदि। हिरण, लोमड़ी, भेड़िये, यहाँ के आम जानवर हैं। फीजेंट तथा मोनाल जैसे पक्षी भी यहाँ पाए जाते हैं।

प्राकृतिक वनस्पति

भूमध्यसागरीय वनस्पति

आप जान चुके हैं कि महाद्वीपों के पूर्व एवं उत्तर-पूर्वी किनारों के अधिकांश भाग शीतोष्ण सदाबहार एवं पर्णपाती पेड़ों से ढ़ँके हैं। महाद्वीपों के पश्चिमी एवं दक्षिण-पश्चिमी किनारे भिन्न हैं। यहाँ भूमध्यसागरीय वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। यह अधिकतर यूरोप, अफ्रीका एवं एशिया के भूमध्यसागर के समीप वाले प्रदेशों में पाई जाती हैं। इसलिए इसका यह नाम पड़ा। ये वनस्पतियाँ भूमध्यसागर के बाहरी प्रदेशों जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका के केलिफोर्निया, दक्षिण-पश्चिमी अफ्रीका, दक्षिण-पश्चिमी दक्षिण अमेरिका एवं दक्षिण-पश्चिम आस्ट्रेलिया में भी पाई जाती है। इन प्रदेशों में गर्म-शुष्क ग्रीष्म एवं वर्षा वाली मृदु शीत ऋतुएँ होती हैं। इन क्षेत्रों में आमतौर पर संतरा, अंजीर, जैतून एवं अंगूर जैसे निंबु-वंश (सिट्रस) के फल पैदा किए जाते हैं, क्योंकि लोगों ने अपनी इच्छानुसार कृषि करने के लिए यहाँ की प्राकृतिक वनस्पति को हटा दिया है। यहाँ वन्य जीवन कम है

प्राकृतिक वनस्पति

शंकुधारी वन

उत्तरी गोलार्ध्द के उच्च अक्षांशो (50° – 70°) मे भव्य शंकुधारी वन पाये जाते है। इन्हे टैगा भी कहते है। ये वन अधिक उचाइयो पर ही पाये जाते है। ये लम्बे नरम काष्ठ वाले सदाबहार वृक्ष होते है। इन वृक्षो के काष्ठ का उपयोग माचिस एव पैकिंग के लिए बक्से बनाने के लिए भी किया जाता है। चीड, देवदार आदि इन वनो के मुख्य पेड है। यहाँ सामान्यत रजत लोमडी, मिंक ध्रुवीय भालू जैसे जानवर पाये जाते है।

प्राकृतिक वनस्पति

उष्णकटिबंधीय घासस्थल

ये वन भूमध्य रेखा के किसी भी तरफ उग जाते हैं और भूमध्य रेखा के दोनों ओर से उष्णकटिबंध क्षेत्र तक फैले हैं। यहाँ वनस्पति निम्न से मध्य वर्षा वाले क्षेत्रों में पैदा होती है।

  • यह घास काफ़ी ऊँची लगभग 3 से 4 मित्र की ऊँचाई तक बढ़ सकती है।
  • यहाँ हाथी, ज़ेबरा, जिराफ़, हिरण, तेंदुआ आदि जानवर पाए जाते हैं।
  • पूर्वी अफ़्रीका – सवाना, ब्राजील – कंपोस, वेनेजुएला – लानोस

शीतोष्ण घासस्थल

ये मध्य अक्षांशीय क्षेत्रों और महाद्वीपों के भीतरी भागों में पाए जाते हैं। यहाँ घास आमतौर पर छोटी एवं पौष्टिक होती है। शीतोष्ण प्रदेशों में सामान्यत : जंगली भैंस, बाइसन, एंटीलोप पाए जाते हैं।

अर्जेन्टीना – पैंपास, उत्तरी अमेरिका – प्रेयरी, दक्षिण अफ़्रीका – वेल्ड स्टेपी, आस्ट्रेलिया – डान

कँटीली झाड़ियाँ

शुष्क रेगिस्तान प्रदेशों में पाई जाती हैं। उष्णकटिबंधीय रेगिस्तान, महाद्वीपों के पश्चिमी किनारों पर पाए जाते हैं। तीव्र गर्मी एवं बहुत कम वर्षा के कारण यहाँ वनस्पतियों की कमी रहती है।

ध्रुवीय प्रदेश

अत्यधिक ठंडा इलाका यहाँ बहुत सीमित प्राकृतिक वनस्पति मिलती है। यहाँ केवल काई, लाइकेन एवं छोटी झड़ियाँ पाई जाती हैं। ये अल्पकालिक ग्रीष्म ऋतु के दौरान विकसित होती हैं।

इसे टुंड्रा प्रकार की वनस्पति कहा जाता है। ये वनस्पतियाँ यूरोप, एशिया एवं उत्तरी अमेरिका के ध्रुवीय प्रदेशों में पाई जाती है।

यहाँ सील, वालरस, ध्रुवीय भालू, ध्रुवीय उल्लू बर्फीली लोमड़ी आदि जानवर पाए जाते है।

Table of Contents