अध्याय-3
कक्षा 9 गणित अध्याय-3
निर्देशांक ज्यामिति
निर्देशांक ज्यामिति
निर्देशांक ज्यामिति गणित की वह महत्वपूर्ण शाखा है जिसमें समतल आकृति पर बने बिन्दुओं की स्थिति को दो संख्याओं के जोड़े के रूप में परिभाषित किया जाता है। संख्याओं के जोड़ों से बने बिंदु की स्थिति को बिंदु निर्देशांक कहते हैं।
मुख्य अवधारणाएँ और परिणाम
- कार्तीय पद्धति (या निकाय)
- निर्देशांक अक्ष
- मूलबिंदु
- चतुर्थांश
- भुज
- कोटि
- एक बिंदु के निर्देशांक
- क्रमित युग्म
कार्तीय पद्धति (या निकाय)
गणित में कार्तीय निर्देशांक पद्धति, समतल मे किसी बिन्दु की स्थिति को दो अंको के द्वारा अद्वितीय रूप से दर्शाने के लिए प्रयुक्त होती है। इन दो अंको को उस बिन्दु के क्रमशः X-निर्देशांक व Y-निर्देशांक कहा जाता है।
निर्देशांक अक्ष
निर्देशांक अक्षों का एक युग्म हमें एक तल पर किसी बिन्दु की स्थिति निर्धारित करने के योग्य बनाता है। किसी बिन्दु की y–अक्ष से दूरी उस बिन्दु का x–निर्देशांक कहलाता है। तथा किसी बिन्दु की x–अक्ष से दूरी उस बिन्दु का y–निर्देशांक कहलाता है।
एक बिंदु के निर्देशांक
किसी बिंदु का भुज या x-निर्देशांक उसकी y- अक्ष से दूरी होती है तथा किसी बिंदु की कोटि या y-निर्देशांक उसकी x–अक्ष से दूरी होती है। ( x, y ) उस बिंदु के निर्देशांक कहलाते हैं जिसका भुज x हो तथा कोटि y हो। किसी भी निर्देशांक के साथ प्रयुक्त होने वाला + या – का चिह्न उस निर्देशांक की चतुर्थांश में स्थिति को दिखाता है।
कार्तीय तल
कार्तीय तल में बिंदुओं का आलेख
- कार्तीय तल में, क्षैतिज रेखा x -अक्ष तथा ऊर्ध्वाधर रेखा y-अक्ष कहलाती है।
- निर्देशांक अक्ष तल को चार भागों में विभक्त कर देती है जो चतुर्थांश कहलाते हैं।
- अक्षों के प्रतिच्छेद बिंदु को मूलबिंदु कहते हैं।
- किसी बिंदु का भुज या x -निर्देशांक उसकी y-अक्ष से दूरी होती है तथा किसी बिंदु की कोटि y-अक्ष निर्देशांक उसकी x-अक्ष से दूरी होती है।
- (x, y) उस बिंदु के निर्देशांक कहलाते हैं जिसका भुज x हो तथा कोटि y हो।
- x-अक्ष पर स्थित किसी बिंदु के निर्देशांक (x, 0) के रूप के होते हैं तथा y – अक्ष पर स्थित किसी बिंदु के निर्देशांक (0, y) के रूप के होते हैं।
- मूलबिंदु के निर्देशांक (0, 0) होते हैं।
- प्रथम चतुर्थांश में किसी बिंदु के निर्देशांक के चिह्न (+, +), द्वितीय चतुर्थांश में (-, +), तीसरे चतुर्थांश में (-, -) तथा चौथे चतुर्थांश में (+, -) होते हैं।
क्रमित युग्म
चतुर्थांश के किसी भी भाग में या XY समतल पर स्थित किसी भी बिंदु की स्थिति को प्रदर्शित करने के लिए x-निर्देशांक तथा y-निर्देशांक को हमेशा एक युग्म में लिखते हैं, जिसे क्रमित युग्म कहते हैं।
मूलबिंदु
अक्षों के प्रतिच्छेद बिंदु को मूलबिंदु कहते हैं। मूलबिंदु के निर्देशांक (0, 0) होते हैं। मूल बिन्दु : किसी वस्तु की स्थिति के मापन के लिए एक निर्देश बिंदु का चुनाव किया जाता है जिसे मूल बिंदु कहते है। मूल बिन्दु के दाई ओर की दिशा धनात्मक और बायीं ओर ऋणात्मक ली जाती है। ठीक इसी तरह उर्ध्वाधर ऊपर की दिशा धनात्मक और नीचे की दिशा ऋणात्मक ली जाती है।
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चतुर्थांश
निर्देशांक अक्ष तल को चार भागों में विभक्त कर देती है जो चतुर्थांश कहलाते हैं। अक्षों के प्रतिच्छेद बिंदु को मूलबिंदु कहते हैं। किसी बिंदु का भुज या x-निर्देशांक उसकी y-अक्ष से दूरी होती है तथा किसी बिंदु की कोटि या y-निर्देशांक उसकी x-अक्ष से दूरी होती है।
![निर्देशांक ज्यामिति](https://gyanchakra.co.in/wp-content/uploads/2023/05/Screenshot_2-249.png)
भुज और कोटि
किसी बिंदु की y-अक्ष से दुरी को x-निर्देशांक अथवा भुज कहते हैं। किसी बिंदु की x-अक्ष से दुरी को y-निर्देशांक अथवा कोटि कहते हैं। किसी बिंदु के भुज और कोटि (x, y) के रूप में होते हैं।
कुछ सरल उदाहरण
उदाहरण 1. एक अन्य व्यक्ति को आप अपने अध्ययन मेज पर रखे टेबल लैंप की स्थिति किस तरह बताएँगे?
![निर्देशांक ज्यामिति](https://gyanchakra.co.in/wp-content/uploads/2023/05/Screenshot_3-221.png)
हल: माना कि टेबल लैंप सामने (बैठने वाली जगह) से 2 फीट है और और दायें किनारे से 1 फीट है तो लैंप की स्थिति (2,1) होगी !
उदाहरण 2. (सड़क योजना) : एक नगर में दो मुख्य सड़कें हैं, जो नगर के केंद्र पर मिलती हैं। ये दो सड़कें उत्तर-दक्षिण की दिशा और पूर्व-पश्चिम की दिशा में हैं। नगर की अन्य सभी सड़कें इन मुख्य सड़कों के समांतर परस्पर 200 मीटर की दूरी पर हैं। प्रत्येक दिशा में लगभग पाँच सड़कें हैं। 1 सेंटीमीटर = 200 मीटर का पैमाना लेकर अपनी नोट बुक में नगर का एक मॉडल बनाइए। सड़कों को एकल रेखाओं से निरूपित कीजिए।
आपके मॉडल में एक-दूसरे को काटती हुई अनेक क्रॉस-स्ट्रीट (चौराहे) हो सकती हैं। एक विशेष क्रॉस-स्ट्रीट दो सड़कों से बनी है, जिनमें से एक उत्तर-दक्षिण दिशा में जाती है और दूसरी पूर्व-पश्चिम की दिशा में। प्रत्येक क्रॉस-स्ट्रीट का निर्देशन इस प्रकार किया जाता हैः यदि दूसरी सड़क उत्तर-दक्षिण दिशा में जाती है और पाँचवीं सड़क पूर्व-पश्चिम दिशा में जाती है और ये एक क्रॉसिंग पर मिलती हैं, तब इसे हम क्रॉस-स्ट्रीट (2, 5) कहेंगे। इसी परंपरा से यह ज्ञात कीजिए कि
- कितनी क्रॉस-स्ट्रीटों को (4, 3) माना जा सकता है।
- कितनी क्रॉस-स्ट्रीटों को (3, 4) माना जा सकता है।
हल: नगर का मॉडल
सड़क योजना को निम्नलिखित चित्र द्वारा दर्शाया गया है-
![निर्देशांक ज्यामिति](https://gyanchakra.co.in/wp-content/uploads/2023/05/Screenshot_4-200.png)
- मॉडल से स्पष्ट है कि केवल एक-ही (unique) क्रॉस-स्ट्रीट है जिसको (4, 3) माना जा सकता है।
- मॉडल से स्पष्ट है कि केवल एक ही (unique) क्रॉस-स्ट्रीट है जिसको (3, 4) माना जा सकता है।
उदाहरण 3. निम्नलिखित प्रश्नों में से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दीजिएः
- कार्तीय तल में किसी बिन्दु की स्थिति निर्धरित करने वाली क्षैतिज और उर्ध्वाधर रेखाओं के क्या नाम हैं?
- इन दो रेखाओं से बने तल के प्रत्येक भाग के नाम बताइए।
- उस बिन्दु का नाम बताइए जहाँ ये दो रेखाएँ प्रतिच्छेदित होती हैं।
हल:
- क्षैतिज रेखा का नाम : x-अक्ष और उर्ध्वाधर रेखा का नाम: y-अक्ष
- x-अक्ष और y-अक्ष से बने तल के प्रत्येक भाग का नाम:
- प्रथम चतुर्थांश
- द्वितीय चतुर्थांश
- तृतीय चतुर्थांश
- चतुर्थ चतुर्थांश
- मूल बिंदु जिसका निर्देशांक (0,0) होता है|
उदाहरण 4. आकृति 3.14 देखकर निम्नलिखित को लिखिए:
- B के निर्देशांक
- C के निर्देशांक
- निर्देशांक (-3, -5) द्वारा पहचाना गया बिंदु
- निर्देशांक (2, -4) द्वारा पहचाना गया बिंदु
- D का भुजबिंदु H के निर्देशांक
- बिंदु L के निर्देशांक
- बिंदु M के निर्देशांक
![निर्देशांक ज्यामिति](https://gyanchakra.co.in/wp-content/uploads/2023/05/Screenshot_5-176.png)
हल:
- (-5, 2)
- (5, -5)
- E
- G
- 6
- (-5, -3)
- (0, 5)
- (-3, 0)
उदाहरण 4. किस चतुर्थांश में या किस अक्ष पर बिन्दु (– 2, 4), (3, – 1), (– 1, 0), (1, 2) और (– 3, – 5) स्थित हैं? कार्तीय तल पर इनका स्थान निर्धरण करके अपने उत्तर सत्यापित कीजिए।
हल:
(-2, 4) द्वितीय चतुर्थांश में है|
(3, -1) चतुर्थ चतुर्थांश में है|
(-1, 0) x – अक्ष पर स्थित है|
(1, 2) प्रथम चतुर्थांश में स्थित है|
(-3, -5) तृतीय चतुर्थांश में स्थित है|
![निर्देशांक ज्यामिति](https://gyanchakra.co.in/wp-content/uploads/2023/05/Screenshot_6-159.png)
उदाहरण 5. अक्षों पर दूरी का उपयुक्त एकक लेकर नीचे सारणी में दिए गए बिन्दुओं को तल पर आलेखित कीजिएः
![](https://gyanchakra.co.in/wp-content/uploads/2023/05/Screenshot_7-139.png)
हल:
माना 1 इकाई = 1 सेमी, तब कार्तीय तल में दिए गए बिन्दुओं की स्थितियों का आलेखन नीचे दिए गए चित्र में प्रदर्शित किया गया है।
![निर्देशांक ज्यामिति](https://gyanchakra.co.in/wp-content/uploads/2023/05/Screenshot_8-117.png)